अंकुरित आहार सप्राण होने के कारण शरीर आसानी से आत्मसात कर लेता है जिससे शरीर ऊर्जावान बनता है।
अंकुरित अनाज यानि स्प्राउट्स पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इनमें बहुत मात्रा मे प्रोटीन पाया जाता है। अंकुरित अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अंकुरित अनाज का उपयोग हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है.
यह एक आश्चर्य का विषय है कि आज जिस स्तर पर नयी-नयी दवाओं की खोज हो रही है, जिस अनुपात में चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि हो रही है उससे कहीं बड़े अनुपात में रोग और रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है इसको देखते हुए आज के परिप्रेक्ष्य में यह बहुत आवश्यक हो गया है कि हम प्रकृति का मार्गदर्शन प्राप्त करें एवं प्रकृति के नियमों को अपनी जीवन शैली में सम्मिलित करें। इसकी शुरुआत हम अपनी रसोई से कर सकते हैं। इस सन्दर्भ में प्रकृति के एक नियम प्रकृति प्रदत्त प्रत्येक वस्तु का उपयोग उसका स्वरूप नष्ट किये बिना उपयोग किया जाये” का अनुपालन अत्यंत आवश्यक है। भोजन के सन्दर्भ में यह आवश्यक है। कि कच्चा भोजन जो स्वास्थ्य की दृष्टि से हितकर हो, को रुचिकर बनाने की कला का विकास किया जाये।
विटामिन बी से भरपूर होने के कारण इसका सेवन त्वचा को ग्लोइंग भी बनाता है। साथ ही इसका बना फेस पैक लगाने से झुर्रियां, मुहांसे और पिंपल्स की परेशानी दूर होती है।
स्प्राउट में एंटीऑक्सीडेंट एजेंट भी होते है, जो आपके आंखों को सेल्स के कण से बचाने में मदद करते है.
स्प्राउट्स का सेवन हमारे पाचन को अच्छा रखता है जिसका प्रभाव हमारी त्वचा और बालों पर भी देखने को मिलता है। पाचन तंत्र अच्छा होने के साथ उचित विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन के सेवन से त्वचा और बालों की सेहत अच्छी रहती है। इस लिए अंकुरित अनाजों का सेवन करें जिससे आप के बाल घने होंगे और बाल झड़ना भी कम हो जायेगा। स्प्राउट्स के माध्यम से विभिन्न खनिज के सेवन होता है जो त्वचा को खूबसूरत और चमकीला बनाता है।
मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो नाश्ते में स्प्राउट्स को शामिल करें.
अंकुरित दानों का सेवन सुबह में नाश्ते के समय ही करना बहुत ही लाभदायक होता है।
अनाज को मिट्टी में बोयें: अनाज को मिट्टी के ऊपर एक समान छिड़काव करें, और इस तरह से उनका छिड़काव करें कि वह एक दूसरे के ऊपर न गिरें, जिससे वह खराब हो सकते हैं। ढकने वाले ट्रे का इस्तेमाल करें या एक साधा सा कपड़ा या और कुछ जिससे की ट्रे ढक सकें। अनाज को हल्के हाथों से मिट्टी में दबायें। अनाज को "अंदर तक दबाने की" जरूरत नहीं है।
आज हमारे भोजन में अपक्वाहार (आग से न पकाया गया भोजन) की मात्रा पचास से सौ ग्राम सलाद या फिर दिन भर में दो सौ पचास ग्राम से पाँच सौ ग्राम फल के रूप में सिमट कर रह गयी है, इसमें भी देश की आबादी के बहुत बड़े प्रतिशत को फलों का सेवन एक स्वप्न मात्र ही है। हम भोजन को सुस्वादु या फिर कहें स्वाद परिवर्तन के चक्कर में पकाकर उनमें तेल, घी, मिर्च-मसाले आदि डालकर प्रयोग करते हैं इन परिशोधित, निष्प्राण व्यंजनों के कारण ही हमारा शरीर दिन-प्रतिदिन रोगी एवं शक्तिहीन होता जा रहा है।
इन देसी फूड्स को खाकर भी आप हेल्दी और फिट आसानी से रह सकते हैं।
स्प्राउट्स फाइबर में उच्च और कैलोरी में कम होते हैं. जब आप स्प्राउट्स खाते हैं, तो आप भरा हुआ महसूस करेंगे और अस्वास्थ्यकर स्नैक्स के लिए नहीं पहुंचेंगे, जो अंततः वजन कम करने में आपकी मदद करेगा.
नवजात शिशु कि मानसिक, शारीरिक दुर्बलताओं को दूर करने के लिए महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान ही स्प्राउट्स का सेवन करना लाभदायक होता है। बच्चों को भी इसका रोजाना सेवन करना चाहिए। इसके उपयोग से शारीरिक विकास मे मदद मिलता his comment is here है।
कुछ अनाज लंबे समय तक अंकुरित होने के बाद उनके छिलके निकालने की जरूरत होती है, और अंकुरो को पानी में जोर से मिलाये ताकि उसमें भँवर आ जाएं और अंकुरो के छिलके निकालने में मदद मिलें, ध्यान रखें उसके बाद पानी को छलनी करें।
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